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किसानों के लिए चिंतित होने के बजाय उनसे कुछ सीखें...

किसानों के लिए चिंतित होना चाहिए क्या?

किसानों के लिए चिंतित होने का मतलब किसानों के राहनुमा होने की सबसे बड़ी पहचान बन गयी है। जो अन्नदाता है उसे समस्याओं से उभारने के लिए हर जगह राहनुमाओं की भीड़ ने उसे घेर लिया है, और यही एक गंभीर समस्या बन गयी है कि आखिर कौन सच्चा राहनुमा है?

किसानों कि आय बढ़ाने के उपाय ढूंढे जा रहे है और किसानी ही दम तोड़ रही है...!

दर्द कहां और दवा कोई ओर...!

  • किसानों की कर्ज माफी

  • फसल बीमा

  • कईं प्रकार की सब्सिडी (सहायकी, अनुदान)

  • किसानी के उपरांत मुर्गी पालन, मधु-मक्खी पालन जैसे व्यवसाय को अपनाना

बूढ़ा किसान बेबस होकर अपनी झोली कुछ ऐसी ही दवाईओं से भरते हुए देख भी रहा है और खाये भी जा रहा है जब कि खूद किसानी तेज रफ़तार से समाप्त होती जा रही है क्योंकि युवा किसान गांवों से पलायन होते जा रहे है (पलायन भारत ही नही, विश्वभर में एक गंभीर रुप अख़त्यार कर चूका है)

सरकार सभी उपायों को बेशक पूरे ईमानदारी से कार्यांवित किए जा रही है, लेकिन युवा किसान गांवो से शहर के ओर पलायन करते ही जा रहे है नौकरी कि तलाश में...

मतलब,

युवा किसान ऊपर लिखे कोई भी उपायों से कतई संतुष्ट नहीं है, फिर चाहे शहरमें नौकरी कैसी भी मिले, वह नौकरी ही करना चाहता है।

कोरोना वाय़रस की महामारी के चलते ड़रा हुआ युवा शहर से गांवों में खूद को अधिक सुरक्षित समझने लगा है लेकिन वह किसानी के प्रति अब आकर्षित होगा यह मान लेना मूलभूत किसानी से जुड़ी समस्याओं का समाधान कतई नही, बल्कि मजबुरी मात्र है जो लंबा समय नही ठहर सकती।

इसलिए कोरोना की महामारी के चलते गांवों को लौट आए युवा किसानों को किसानी से जुड़ी ऊनकी मूलभूत समस्याओं के स्थायी समाधानों के बारे में शिक्षित करना ही कोरोना के अभिशाप को आशिर्वाद में तबदील करने का स्वर्णिम मौका है जो व्यर्थ ही गंवाना नहीं चाहिए।

किसानी से जुड़ी मूलभूत समस्याओं के स्थायी समाधानों के बारे में मैंने मेरे अगले बहुत से Blog और SCAIE की website में विस्तार से सिर्फ चर्चा ही नही,बल्कि SCA VATIKA के photos, videos and actual field results से प्रमाणित भी किया है

मैं आशा करता हूँ कि आप मेरे सभी Blog और SCAIE की website को अधिक ध्यान से पढें और अपने आपको SCAIE की website पर सिर्फ अपना नाम और email address भर कर पंजीक्रुत करें ताकि समस्त जानकारियाँ आपको सीघ्र ही जीवनपर्यंत निःशुल्क मिलती रहेगी (register yourself on this website by giving your name and email address to receive all the updates instantly and totally free of cost without any obligations).


कोरोना की महामारी से मुक्ति के बाद की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित ना हो, सदियों से उसके मापदंड बदलते रहे है। रोटी चाहे जितनी भी महंगी हो जाए, खा सकेंगे। लेकिन यदि किसानी ही दम तोड़ देगी तो रोटी ही नसीब नहीं होंगी।


मैं सभी से करबद्ध अनुरोध करता हूँ कि आप खूद किसान ना भी बनो लेकिन आज ही से एक प्रतिज्ञा अवश्य करें कि आप किसानी को अपना सहयोग देंगे।


आपकी यही प्रतिज्ञा सुनहरे कल के लिए आपका सही योगदान होगा जब कोरोना महामारी से मुक्त होते ही एक नया विश्व बनेगा, और अवश्य ही बनेगा...

जहां अन्नदाता किसान सभी को पर्याप्त भोजन देता होगा और हम फिरसे कहेंगे,

"उत्तम किसानी, मध्यम व्यापार और कनिष्क नौकरी"

जैसा मुझे पारंभिक शिक्षा में पढ़ाया जाता था।




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